गुरु जनों के मुख से जो ,जिनवाणी सुनता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
१
गुरु कहे हर आतम से - तेरा नहीं कोय
काया नहीं तेरी अपनी -दुजा होवे कौन
स्वारथ के रिश्ते है ,गले ,लगा के बैठा है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
२
गुरु कहे हर आतम से , संयम मन में धार
वश में करले इन्द्रियों को ,होवे फिर उद्धार
तप करने से मन में संयम उत्पन्न होता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
३
सुनो किसी गुरुवर ने ये ,कहा बहुत खूब
मना करे दुनियां लेकिन मेरे महबूब
हिंसा के पथ पर चलने से , दुःख ही मिलता है
प्रेम के पथ पर चलने से,बस ,सुख ही मिलता है
गुरु जनों के मुख से जो ,जिनवाणी सुनता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
रचयिता -राजू बगड़ा
ता ; 17 -9 -2018 -1.00 am
www.rajubagra.blogspot.com
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
१
गुरु कहे हर आतम से - तेरा नहीं कोय
काया नहीं तेरी अपनी -दुजा होवे कौन
स्वारथ के रिश्ते है ,गले ,लगा के बैठा है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
२
गुरु कहे हर आतम से , संयम मन में धार
वश में करले इन्द्रियों को ,होवे फिर उद्धार
तप करने से मन में संयम उत्पन्न होता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
३
सुनो किसी गुरुवर ने ये ,कहा बहुत खूब
मना करे दुनियां लेकिन मेरे महबूब
हिंसा के पथ पर चलने से , दुःख ही मिलता है
प्रेम के पथ पर चलने से,बस ,सुख ही मिलता है
गुरु जनों के मुख से जो ,जिनवाणी सुनता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
रचयिता -राजू बगड़ा
ता ; 17 -9 -2018 -1.00 am
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