Saturday, August 30, 2014

22 तर्ज-हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में (जांबाज)(राग-मालगुंजी & मालकौंस)

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तर्ज -हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में [जांबाज ](राग-मालगुंजी & मालकौंस)

तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 
आज तेरी शरण में 
खुशनसीब है हम ,हमको है मिला ,तेरा साथ इस जनम में 
तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 
१ 
सब क़ुछ था तेरे पास प्रभु ,फिर भी तुमने सब त्याग दिया -2 
मोह माया के रिश्ते झूठे , 
नश्वर संसार को त्याग दिया -2 

तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 
आज तेरी शरण में 
खुशनसीब है हम ,हमको है मिला ,तेरा साथ इस जनम में 
तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 
२ 
कर्मों के आप ही नाशक हो ,और मोक्ष मार्ग के नेता हो -2 
त्रिलोक को ज्ञान से जान लिया 
इक तुम ही केवलज्ञानी हो -2 

तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 
आज तेरी शरण में 
खुशनसीब है हम ,हमको है मिला ,तेरा साथ इस जनम में 
तेरी भक्ति करने आये, प्रभु आज, तेरी शरण में 

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता ;31 . 8 . 2014 
12. 45 AM 
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Thursday, August 28, 2014

42 तर्ज-फूलों का तारों का सबका कहना है [हरे रामा हरे कृष्णा ] (राग-बिलावल)

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तर्ज -फूलों का तारों का सबका कहना है [हरे रामा हरे कृष्णा ] (राग-बिलावल)

पर्युषण पर्व का यही कहना है 
निज आतम शुद्धि में सबको रहना है 
सारी - उमर, दश धर्म करना है 
१ 
जीव अकेला करता है ,चारों गति में वास 
सुख दुःख भोगा करता,बुन के कर्मो के जाल 
आ मेरे संग आ ,पूजन करना है 
निज आतम शुद्धि से ध्यान में रहना है 
सारी - उमर, दश धर्म करना है 
२ 
सम्यक दर्शन ज्ञान चरित की ,महिमा है अपार 
निज पर शासन करने से ,होता है उद्धार 
आ मेरे संग आ ,पूजन करना है 
निज आतम शुद्धि से ध्यान में रहना है 
सारी - उमर, दश धर्म करना है 

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;-२९ अगस्त २०१४ 
१.१५ AM 
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