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तर्ज मधुवन खुशबू देता है (साजन बिना सुहागन) (राग- अहीर भैरव)
जीना उसका जीना है,जो प्रेम से जीवन जीता हैsss
संयम सुख को देता है
1
क्षण भंगुर ये जीवन है,कुछ भी, साथ ना जायेगा 2
काया माया छोङ यहीं, जीव अकेलाs जायेगाss
जीव अकेला जायेगाssss
प्रेम से जीयो,जीने दो, प्रेम ही शान्ति देता है
संयम सुख को देता है, त्याग ही शान्ति देता हैss
जीना उसका जीना है,जो हिंसा से दूर ही रहता हैsss
2
भक्ती प्रभू की करने से,मन को शक्ती मिलती है 2
तप की राह पे चलने से, मन की कलियां खिलती है
मन की कलियां खिलती हैsss
भोगे से दूरी होने से, मन मेंss खुशियां पलती है
संयम सुख को देता है, त्याग ही शान्ति देता हैss
जीना उसका जीना है,जो हिंसा से दूर ही रहता हैsss
रचयिता राजू बगङा "राजकवि" मदुरै
ता: 16.8.25 (11.45 pm)
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