Thursday, September 8, 2011

17 तर्ज -हुड हुड दबंग दबंग दबंग दबंग-[दबंग] (राग-भैरवी)

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तर्ज -हुड हुड दबंग दबंग दबंग दबंग-[दबंग] (राग-भैरवी)

तुमको नमन नमन  नमन  नमन ------४
बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२ 
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२

सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२
जब गगन अगन बरसावे है 
तो  भी  ये  पैदल  जावे है
चेहरे पे शिकन ना आवे है-तुमको है नमन 
ये एक समय ही खावे है
ये जमीन पर सो जावे है
फिर भी हरदम मुसकावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२
कोई जीव कहीं मर जावे ना
सो देख भाल कर जावे है
ये हाथ में पिच्छी राखे है-तुमको है नमन
जब रात को दुनिया सोवे है
तब आतम ध्यान लगावे है
ये सबको पार लगावे है -तुमको है नमन 
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

ये जंगल जंगल घूमे है
और गाँव गाँव में जावे है
ये सबको धरम सिखावे है-तुमको है नमन
उपसर्ग कभी जो आवे है
तो शांत भाव सह जावे है
वो जैन मुनि कहलावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे&&&&&&
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२ 
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता ;८.९.२०११ 
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Sunday, September 4, 2011

16 तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ] (राग-वृन्दावनी सारंग)

16
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तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ] (राग-वृन्दावनी सारंग)
मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला
दर्शन करा दे  भरतार -हो जाये मेरा बेडा पार 

होटल ले जाऊ  तुझे -    पिक्चर दिखाऊ तुझे
किटी पार्टी भी तू सम्भाल-छोड़ ये धर्म का विचार 
कितने तिर्थंकरो के, जहाँ  कल्याण हुए -२
अनगिनत जीव भव, सागर से पार हुए
स्वर्गो से देव जहाँ, प्रभु पूजा को आते -२
किटी पार्टी नहीं जाना 
होटल पिक्चर नहीं जाना
करवा दे यात्रा एक बार 
हो जाये मेरा बेडा पार------------
                        होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
मोटर ना बंगला मांगू ,झुमका ना हार मांगू-२
प्रभु पूजा की  खातिर, थोडा सा टेम मांगू
सैय्याँ  बेदर्दी  मेरे ,थोडा सा खर्चा मांगू-२
किस्मत बना दे मेरी 
यात्रा करवा दे मेरी
दर्शन करवा दे एक बार
हो जाये मेरा बेडा पार
                      होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
जब से सुना है मधुबन ,बाबा के दर्शन से ही -२
जनम जनम के  सारे,पापो का नाश होवे 
जायेंगे दोनों मिल के ऐसी पावन धरती पे -२
चिंता तू छोड़ गौरी 
मेरी भी इच्छा हुयी 
दर्शन करले हम एक बार
हो जाये अपना बेडा पार
                            मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला-------

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;-४.९.२०११ 
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