मंगलम भगवान वीरो,मंगलम गौतमो गणी । मंगलम कुन्द्कुंदाद्दौ, जैन धर्मोस्तु मंगलम ॥ णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उव्झायाणं णमो लोए सव्व साहुणं..ऐसो पञ्च णमोक्कारो,सव्व पाव पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिम् पढमं हवई मंगलम ........ मैंने कुछ भजन भगवान् की भक्ती मे अर्पण किये है -आप भी इनका रसपान करे ! by raju bagra-madurai
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Sunday, September 8, 2013
Tuesday, September 6, 2011
37 तर्ज -कव्वाली -वादा तेरा वादा,वादे पे तेरे मारा गया ,बंदा मै सीधा सादा [दुश्मन ]
इस गाने की राग सुनने के लिए यंहा क्लिक करे http://sound1.mp3pk.com/artist/kishore_kumar/the_prodigy_vol3/3prodigy12(songs.pk).म्प३
कि प्राणी बच नहीं सकता -कभी कर्मो के घेरो से
कि प्राणी बच नहीं सकता -कभी कर्मो के घेरो से
और मुक्ति पा नहीं सकता-बिना उनको जलाने से
स्थायी
मै मंदिर रोज जाऊ
मै पूजा रोज करू
मै सामायिक भी करू
हो अब और प्रभु क्या क्या करू
कर्मो ने मुझे घेरा
घेरा मुझे घेरा -कर्मो ने है घेरा-२
कर्मो के चक्करों में फंसा
भगत सीधा सादा
घेरा मुझे घेरा -कर्मो ने है घेरा-२
१
ये कैसे कर्म है जी -मुझे छोड़े ही नहीं
कभी दुःख को दिखाते -कभी सुख को दिखाते
कभी मनुष्य गति -कभी तिर्यंच गति
कभी नरको की गति-कभी स्वर्गो की गति
जंहा पे लेके जाते -वहीँ का ही बनाते
और कभी पागल बनाते-कभी मूरख बनाते-२
अगरचे खूब ये कर्म -बड़े चालू है ये कर्म-२
कर्म कैसी बला है-या कोई जलजला है
किसी शास्त्री से पूछो
किसी पंडित से पूछो
कर्मो की कैसी लीला
कर दिया मुश्किल जीना
हो &&&&& दामन में मेरे फूल है कम -और कांटे है जियादा
घेरा मुझे घेरा-------------------
२
कभी शुभ कर्म आते -कभी अ-शुभ भी आते
कभी दोनों रुलाते -कभी दोनों हंसाते
कभी राजा बनाते-कभी ये रंक बनाते
कभी सब कुछ दिलाते -कभी सब कुछ ले जाते
मुनि तपस्या करते -ये उन्हें भी डराते
और कभी अन्तराय लाते-तपस्या भंग कराते-२
मगर छोड़े नहीं किसी को -चाहे भगवान भी वो हो-२
दिखा के रूप अपना -नचाते हर किसी को
बुलाये छाँव कोई
पुकारे धूप कोई
तेरा हो रंग कोई
तेरा हो रूप कोई
हो &&&&& कुछ फर्क नहीं नाम तेरा-अच्छा हो या बुरा
घेरा मुझे घेरा-कर्मो ने है घेरा
कर्मो के चक्करों में फंसा
भगत सीधा सादा
घेरा मुझे घेरा------------------------------
रचयिता
राजू बगडा
ता; ६.९.२०११
Monday, September 13, 2010
34 तर्ज -सुहानी चांदनी राते हमें सोने नहीं देती [मुक्ति]
इस गाने की राग सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे
http://sound20.mp3pk.com/indian/mukti/mukti03%28www.songs.pk%29.म्प३
सुनानी है प्रभु तुमको मेरे संसार की बाते
निरंतर बढते कर्मो से दुखो की बढती सौगाते
१
नरक में बदले की अग्नि ,स्वर्ग में ईर्ष्या की अग्नि
हर इक गति में उठाये दुःख -न आई सुध कभी अपनी
बड़ी मुश्किल से पाया है ,तुम्हे इस जनम में आके
न छोड़ूगा तुम्हे अब मै किसी की बातों में आके .........सुनानी है ..........
२
कहीं ऐसा न हो -फिर से -मैं तुमसे दूर हो जाऊं
दिखा देना वो सच्ची राह अगर मै डगमगा जाऊं
नयी शुरुआत करनी है तुम्हारी शरण में आके
न छोड़ूगा तुम्हे अब मै किसी की बातों में आके ........सुनानी है ............
रचयिता -राजू बगडा
१२ -०९ -२०१०
http://sound20.mp3pk.com/indian/mukti/mukti03%28www.songs.pk%29.म्प३
सुनानी है प्रभु तुमको मेरे संसार की बाते
निरंतर बढते कर्मो से दुखो की बढती सौगाते
१
नरक में बदले की अग्नि ,स्वर्ग में ईर्ष्या की अग्नि
हर इक गति में उठाये दुःख -न आई सुध कभी अपनी
बड़ी मुश्किल से पाया है ,तुम्हे इस जनम में आके
न छोड़ूगा तुम्हे अब मै किसी की बातों में आके .........सुनानी है ..........
२
कहीं ऐसा न हो -फिर से -मैं तुमसे दूर हो जाऊं
दिखा देना वो सच्ची राह अगर मै डगमगा जाऊं
नयी शुरुआत करनी है तुम्हारी शरण में आके
न छोड़ूगा तुम्हे अब मै किसी की बातों में आके ........सुनानी है ............
रचयिता -राजू बगडा
१२ -०९ -२०१०
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