Tuesday, August 5, 2008

26 तर्ज;-मारवाडी

वीर म्हारी अर्जी सुण ल्यो नी-२
म्हे कब स्यूं खड़ो बुलाऊ -म्हारी अर्जी सुण ल्यो नी

भगत थे माया म भरमाया -२
थान कैय्या म्हे समझावा -थारी मर्जी बोलो नी

वीर म्हे दुःख से हा घबरावा-२
म्हान सुख रि राह बता दो म्हारी अर्जी सुण ल्यो नी

भगत थारी बाता बहुत निराली -२
थे बोवो पेड़ बबुल का और चाहो आम रि डाली

वीर म्हान सुध बुध देवो नी -२
थे दया रा हो महासागर म्हारी अर्जी सुण ल्यो नी

भगत जे सचमुच सुख थे चाहो -२
दस धर्म निभा कर मुक्ति संग ब्याह रचा ल्यो नी
रचयिता-राजू बगडा-ता;-२९.०८.१९९५

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