Saturday, August 16, 2025

107 तर्ज-मधुवन खुशबू देता है (साजन बिना सुहागन) (राग- अहीर भैरव)

107 www.rajubagra.blogspot.com 
तर्ज मधुवन खुशबू देता है (साजन बिना सुहागन) (राग- अहीर भैरव)

संयम सुख को देता है, त्याग ही शान्ति देता हैss
जीना उसका जीना है,जो प्रेम से जीवन जीता हैsss
संयम सुख को देता है
1
क्षण भंगुर ये जीवन है,कुछ भी, साथ ना जायेगा 2
काया माया छोङ यहीं, जीव अकेलाs जायेगाss
जीव अकेला जायेगाssss
प्रेम से जीयो,जीने दो, प्रेम ही शान्ति देता है

संयम सुख को देता है, त्याग ही शान्ति देता हैss
जीना उसका जीना है,जो प्रेम से जीवन जीता हैsss
2
भक्ती प्रभू की करने से,मन को शक्ती मिलती है 2
तप की राह पे चलने से, मन की कलियां खिलती है
मन की कलियां खिलती हैsss
भोगों से दूरी होने से,भव भव से मुक्ति मिलती है
 
संयम सुख को देता है, त्याग ही शान्ति देता हैss
जीना उसका जीना है,जो प्रेम से जीवन जीता हैsss
          रचयिता राजू बगङा "राजकवि" मदुरै 
          ता: 16.8.25 (11.45 pm)
          www.rajubagra.blogspot.com

Wednesday, August 13, 2025

106 तर्ज-चंदन सा बदन चंचल चितवन (सरस्वती चंद्र)राग यमन

106 www.rajubagra.blogspot.com
तर्ज-चंदन सा बदन चंचल चितवन
(सरस्वतीचंद्र)राग यमन
चंचल मन की,व्याकुलता से]
छुटsकारा पाsनेs आsये हैं]2
प्रभू तेरी भक्तीs, करकेs हम 2
सुख शान्तिs पानेs आsये हैं
 1
प्रभू आप हो,स्वयंभूs, सिद्धात्माs ]
तिर्थंकर, और, केवलज्ञाsनी ]2
त्रिलोक त्रिकाल के ज्ञाताs हो
वीतरागी हो त्रिभुवन स्वामी
   मुझ तुच्छ अज्ञानीs आत्मा पर 2
   थोङी सी कृपाs,बरsसाs देना
   चंचल मन की,व्याकुलता से
2
चिंतामणी,ज्योति स्वरुपीs हो ]
और अनन्त सुख के धारीs हो ]2
दर्शी अनन्त,वीर्य अनन्त, 
और अनन्त चतुष्टय धारी हो
   मुझ तुच्छ अज्ञानीs आत्माs पर 2
   थोङी सी कृपा,बरसाs देना
चंचल मन की,व्याकुलता से]
छुटsकारा पाsनेs आsये हैं]2
प्रभू तेरी भक्तीs, करकेs हम 2
सुख शान्तिs पानेs आsये हैं
             रचयिता-राजू बगङा,मदुरै 
             ताः13.8.2025 (11.30 pm)
             www.rajubagra.blogspot.com