उड़ती कुरजरिया संदेशो म्हारो लेती जाईज्यो हे -उड़ती कुरजरिया
१
पहलों तो संदेशो म्हारो वीर प्रभु न दीज्यो थे -२
भारत री जनता रो थे प्रणाम दीज्यो हे -उड़ती कुरजरिया
अर र र -उड़ती कुरजरिया -----------------
२
हिंसा झूठ में कुछ नही रखा-आ जनता न कीज्यो थे -२
प्रेम भाव री बाता थोडी सिखला दी ज्यो हे -उड़ती कुरजरिया
अर र र -उड़ती कुरजरिया ------------------
३
लोभ पाप और मान कषाया रो विष पीणो छोड़ दो-२
प्रेम रो अमृत जनता न पीणो बतलाईज्यो हे -उड़ती कुरजरिया
अर र र -उड़ती कुरजरिया ---------------------
रचयिता -राजू बगडा-ता ;-१५.०८.१९७९
मंगलम भगवान वीरो,मंगलम गौतमो गणी । मंगलम कुन्द्कुंदाद्दौ, जैन धर्मोस्तु मंगलम ॥ णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उव्झायाणं णमो लोए सव्व साहुणं..ऐसो पञ्च णमोक्कारो,सव्व पाव पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिम् पढमं हवई मंगलम ........ मैंने कुछ भजन भगवान् की भक्ती मे अर्पण किये है -आप भी इनका रसपान करे ! by raju bagra-madurai
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Wednesday, August 13, 2008
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