मंगलम भगवान वीरो,मंगलम गौतमो गणी । मंगलम कुन्द्कुंदाद्दौ, जैन धर्मोस्तु मंगलम ॥ णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उव्झायाणं णमो लोए सव्व साहुणं..ऐसो पञ्च णमोक्कारो,सव्व पाव पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिम् पढमं हवई मंगलम ........ मैंने कुछ भजन भगवान् की भक्ती मे अर्पण किये है -आप भी इनका रसपान करे ! by raju bagra-madurai
Thursday, August 28, 2025
109 तर्ज़ जोगी हम तो लुट गये तेरे प्यार में (शहीद)
Wednesday, August 27, 2025
85 तर्ज-कोयलिया (मारवाङी)
57 तर्ज़ हे राम हे राम जग में सांचो तेरो नाम (जगजीत सिंह)
39 तर्ज -जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए (जुर्म) (राग-औदव)
27.8.2025 (9.30 pm)
37 तर्ज यशोमती मैया से बोले नन्दलाला (सत्यम शिवम सुन्दरम)(राग-काफी)
Sunday, August 24, 2025
26 तर्ज अजी रूठ कर अब कहां जाइयेगा (आरजू) (राग-देश)
Saturday, August 23, 2025
11 तर्ज- और रंग द रे भाया ओजू रंग द -मारवाड़ी
वीर जन्म्या,तिर्थंकर, वीर जन्म्या -२
माता त्रिशला न भेजोs बधाई रे ,नगरी म वीर जन्म्या
२
देव औ कुबेर, राजा, इन्द्र पधार्या
३
पूजा रा कपङा म्हारः ,पीला रंगवाया-
म्हाराः सुसराजी को मन हर्षायो रे , नगरी म वीर जन्म्या
४
पूजा की थालीः म्हानः ,पीली घङवायी-२
म्हाराः सासुजी को मन हर्षायो रे , नगरी म वीर जन्म्या
५
पूजा री केसर,पीलीः ल्यायी जेठानी-२
म्हारा जेठ जी को मन हर्षायो रे , नगरी म वीर जन्म्या
६
मदुरै नगरी म,पीलाः लाडू ,बंटवाया
म्हारा देवर जी को मन हर्षायो रे ,नगरी म वीर जन्म्या
28.3.2010
Thursday, January 9, 2025
101 तर्ज ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम दो जिस्म मगर इक जान है हम(संगम)
Friday, November 22, 2024
मारवाड़ी mashup
ओ म्हान -पूजा रो थाल सजा द ऐ माँ-२
पूजन करबा म्हें जा स्यां- प्रभु की पूजन करबा म्हें जा स्यां
माता त्रिशला न भेजो रे बधाई ओ,नगरी म वीर जन्म्या
हर ल म्हारा मन की पीड़ा ) 2
तू हाथ फिरादे सर पर
हो जावे संकट दूरा
ओ थारी पल पल पल पल याद घणी ,म्हां न आवे छः ओ य}
थारी शान्त छवि म्हा र मनड़ा म मुस्काव छः } ----- 2
थार चरणा म आग्या वीरा------
पहलों तो संदेशो म्हारो वीर प्रभु न दीज्यो थे -२
भारत री जनता रो थे प्रणाम दीज्यो हे -उड़ती कुरजरिया
अर र र -उड़ती कुरजरिया -----------------
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
पर्युषण है मोक्ष मार्ग रो द्वार -द्वार रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
सगळा साथी छोड़ अठ ओ जीव अकेलो जाव लो
Thursday, November 21, 2024
27 तर्ज -जल जमुना को पानी कईया ल्याऊ ओ रसिया (veena music)-
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तर्ज -जल जमुना को पानी कईया ल्याऊ ओ रसिया (veena music)-मारवाङी
दश लक्षण भादवा का
लाग्या ओ रसिया -२
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
१
साँची झूठी -थारी -हर बात म्हे तो मानी-२
तो एक बात म्हाँकी थे भी मानो ओ
रसिया
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
२
उत्तम क्षमा बहुत सुख दाई -२
तो दुःख दाई ओ
बैर मति बांधो ओ
रसिया
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
३
सोलह स्वर्गा मांही जिता देव सारा पूज -२
तो ऐसा जिनजी न
पूजण थे भी चालो ओ
रसिया
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
३
जीवन जेवडी रा सुख दुःख नाका -2
तो नापता ही नापता बित जाव ओ रसिया
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय
४
जिनजी क चेहरा पर सुख की चमक है -२
तो त्याग से ही सुख मिल जाव ओ
रसिया
प्रभु से मिलन का करो नी उपाय -----------------दश लक्षण भादवा का ---
रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै ता;-१५.०८.२००५
Wednesday, September 4, 2024
95 तर्ज बाईसा रा बीरा जयपुर जाज्यो नी (मारवाड़ी)
Wednesday, September 27, 2023
89 तर्ज सावन का महीना पवन करे शोर (मिलन)(राग-पहाङी)
Tuesday, August 30, 2022
83_ तर्ज लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में, हजारों रंग के नजारे बन गए (कन्यादान)(राग असावरी]
Saturday, August 20, 2022
80 अर्हम वंदो, जय पारस देवा
Saturday, August 14, 2021
69 तर्ज-जब जब बहार आयी और फूल मुस्कराये मुझे तुम याद आये (तकदीर)
Sunday, June 7, 2020
65 थोड़ा सा प्यार हुआ है थोड़ा है बाकी(मैने दिल तुझको दिया)
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तर्ज़-थोङा सा प्यार हुआ है थोङा है बाकी (मैने दिल तुझको दिया)
हे गुरु वर्धमान जी ,आप ही पूज्य हो
तेरे चरणों में मेरा ,सदा ही शीश हो
गुरुवर वर्धमान जी आप ही पूज्य हो
1
कमल सी कोमल काया,मनोरम छवी निराली
सनावद गांव से निकले, हो के गुरुवर वैरागी
दिशा जीवन की बदली, ब्रह्मचर्य को धारा
मनोरमा कमल का लाला,बना जग का सितारा
धन्य हुआ विश्व सारा,धन्य जैनत्व सारा
गुरुवर वर्धमान जी आप ही पूज्य हो
2
दिगम्बर मुनि चर्या में ,शिथिलता कभी नहीं की
संघ को एक सूत्र में ,पिरोकर ज्ञान वृद्धि की
सरलता विनयशीलता, गुणों की खान हो गुरुवर
शास्त्र आगम के ज्ञानी, जुबां पर मां जिनवाणी
शान्तिसागर आचार्य ,के परम भक्त हो
गुरुवर वर्धमान जी आप ही पूज्य हो
हे गुरु वर्धमान जी ,आप ही पूज्य हो
तेरे चरणों में मेरा ,सदा ही शीश हो
गुरुवर वर्धमान जी आप ही पूज्य हो
रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
ता: 9.6.2020, 5 pm
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Monday, September 2, 2019
59 तर्ज-ओ करम खुदाया है तुझे मुझसे मिलाया है-रुस्तम
प्रभु ध्यान लगाया है
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
1
मैंने छोड़े है पापों के रास्ते
अब आया हूं तेरे पास रे
तेरी भक्ति में डूबा जाऊं में
पहचान ले
मैंने क्रोध कषाय को त्याग दिया
मैंने क्षमा धरम अपना लिया
स्वारथ के इस संसार को
है जान लिया
शुभ करम जो आया है,प्रभु ध्यान लगाया है
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
2
कभी किसी भी, गति में जाऊं मैं
तेरे ध्यान से भटक ना जाऊं मैं
मैं हूं अज्ञानी इक आत्मा
पहचानना
तेरा मेरा मिलना दस्तूर है
तेरे होने से मुझमें नूर है
मैं हूं अज्ञानी इक आत्मा
पहचानना
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
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Monday, July 31, 2017
61 तर्ज -वादा न तोड़,तू वादा न तोड़ [फ़िल्म -दिल तुझ को दिया ]
हो मुक्ति नगरी का ,एक यही है द्धार
तपस्या करो ,तपस्वी बनो
रे तपसी ,होगी तेरी जग में जयकार
तपस्या करो ,तपस्वी बनो
1
पंचेन्द्रियों के जाल में फंसकर ,जाने कितने जनम गंवाये
संयम धारण करने से तेरे , कर्मो के बंधन टूटते जाये
हो मुक्ति नगरी का ,एक यही है द्धार
तपस्या करो ,तपस्वी बनो-2
रे तपसी ,होगी तेरी जग में जयकार
2
चारों गति में संयम पालन ,मानव ही कर सकता है धारण
त्यागी तपस्वी ये बतलाये , पंचेन्द्रियों से मुक्ति दिलाये
हो मुक्ति नगरी का ,एक यही है द्धार
तपस्या करो ,तपस्वी बनो
रे तपसी ,होगी तेरी जग में जयकार
रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
1. 8 . 2017
Tuesday, September 13, 2016
53 तर्ज -जग घूमिया थार जैसा ना कोई [सुल्तान]राग "मधुमाद सरंग"
मनवा मेरा हर्षाया
जग घुमिया थार.जैसा न कोई -2
थारी शरण में
दुःख दूर सब
तेरी भक्ति में ,डूबा हूं मैं
1
आँखों में दयालुता है ,चेहरे पे शीतलता
मन्द मन्द मुस्काते ,मुखड़े की सुन्दरता
वीतरागता ssssss
वीतरागता की मूरत ,क्षमा भाव रखता है
इन्द्र भी तेरे ,दरश को तरसता है
थान. देव भी पूजते
थान. देख वे हर्षाते
दुखियों की है सुनी
तुम ही हो इक मुनि
हे प्रभू तुमसे है कहना ------जग घुमिया थार.जैसा न कोई -4
2
हरदम तेरा ही मैं, ध्यान लगाता हूँ
भ-क्ति के भावों से मैं, पूजा रचाता हूँ
महावीरजी sssssss
महावीर तुमने जग को, अहिंसा सिखाई
प्रेम सिखाया जग को ,करुणा सिखाई
थान. देव भी पूजते
थान. देख वे हर्षाते
दुखियों की है सुनी
तुम ही हो इक मुनि
हे प्रभू तुमसे है कहना ------जग घुमिया थार.जैसा न कोई -4
रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;13 -09 -2016
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