Showing posts with label manav. Show all posts
Showing posts with label manav. Show all posts

Wednesday, September 19, 2012

20 तर्ज-कहीं दूर जब दिन ढल जाये ,सांझ की दुल्हन बदन चुराए [आनंद ]

20
तर्ज़ कहीं दूर जब दिन ढ़ल जाये (आनंद)
www.rajubagra.blogspot.com 
अशुभ करम जब उदय में आये 
दुःख से जीवन भर भर जाये, पार ना पाये 
प्रभूss शरण में आकर के हम 
प्रायश्चित के गर,आँसू बहाए ,दुःख कट जाये 
1
कभी जब गुरुओं से, होती हैं बातेँ--
गुरु मुस्काते हुये, यूं समझाते --]2
करोगे अच्छा, पाओगे अच्छा 
समझ सको तो समझो, पीर पराई-पीर पराई 
अशुभ करम जब उदय में आये 
दुःख से जीवन भर भर जाये, पार ना पाये 
2
खाए पीये, पहने ओढ़े, मस्त है मानव --
कैसे बनी वो वस्तु , ये नहीं जानत --2
जरा सा ठहरो,सोचो समझो 
क्या उसमें पशुओं की पीर मिलाई-पीर मिलाई 
अशुभ करम जब उदय में आये 
दुःख से जीवन भर भर जाये, पार ना पाये 
रचयिता 
राजू बगङा
19.9.2012 (00.15am )
Www.rajubagra.blogspot.com 




Thursday, March 31, 2011

35 तर्ज -प्यार माँगा है तुम्ही से ,ना इनकार करो [कॉलेज गर्ल ]

इस गाने की राग सुनने के लिए यंहा क्लिक करे 

पास प्रभु के  आओ  तुम 
ना इनकार करो -
पास बैठो जरा उनके 
थोडा ध्यान करो ---------------पास प्रभु के ............
कितने जनम हुए ,कितने मरण हुए 
समझ न पाए हम -अब तक खुद को 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो ---------------------पास प्रभु के ..........

हर पल जिसे चाहे ,सेवा करे दिन रात 
वो ही सुन्दर काया ,नहीं   देगी    साथ 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो --------------------पास प्रभु के ..............

मानव जनम सफल है ,गर प्रभु  हम सफर है 
प्रभु ने बताई जो बात ,    वो  है   सच्ची   राह 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो -----------------पास प्रभु के .............

रचयिता -राजू बगड़ा
ता;-०१.०४.२०११