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Wednesday, July 22, 2009

10 तर्ज-ससुराल गेंदा फूल -दिल्ली ६

इस गाने की राग सुनने के लिए यहाँ क्लिक करे
http://sound15.mp3pk.com/indian/delhi6/delhi605%28www.songs.pk%29.mp3

सैय्या मुंह झुकाए ,अख़बार पढता जाए -संसार गेंदा फूल
सास मन्दिर जाए ,ससुरजी घुमण जाए -संसार गेंदा फूल
छूटा प्रभू का दर्शन बहू को ,नौकरानी याद आए
ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय
सास मन्दिर जाए ----------------------------------

मन्दिर म प्रभू की, पूजा तो नही सुहाव
आवण जावण वाला से ,बा तो बतियाती जावे -संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय ,ओय होय होय ,ओय होय होय

सैय्या है व्यापारी ,आए प्रभो के द्वार
मोबाईल पे बतियाते ,प्रभू के जोड़े हाथ -----संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

ऑफिस जल्दी जाणो, यूँ मन म कर विचार
और बिन फेरी काटे ही ,प्रभू से कह बाय बाय -----संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

टीवी और बीबी से ,समय जे बच जाए
कर टीका टिप्पणी गुरुआ पर ,मन म खुशी मनाव---------संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

बेटा है लाडेसर ,और पोता परमेश्वर
आ सब न की ना केव ,बस बहू न धमकाव --------संसार गेंदा फूल

भक्ता की ऐ बाता, भक्ति की परिभाषा
प्रभू देख देख मुस्काव ,संसारी समझ न पाव----------संसार गेंदा फूल

सैय्या मुंह झुकाए ,अख़बार पढता जाए -संसार गेंदा फूल
सास मन्दिर जाए ,ससुरजी घुमण जाए -संसार गेंदा फूल
छूटा प्रभू का दर्शन बहू को ,नौकरानी याद आए
ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

रचयिता -राजू बगडा
२१.०७.०९

Wednesday, August 6, 2008

07 तर्ज;-सैय्या दिल में आना रे

07 तर्ज;-सैय्या दिल में आना रे
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स्थायी
सैया मन्दिर जाना रे
दर्शन कर के आना रे
प्रभु को शीश झुकाना रे ----------सुन सैया सुन सुन
अक्षत अर्घ चढाना रे
गंधोदक लगाना रे
आरती कर के आना रे ----------सुन सैया सुन सुन
अंतरा १
मन्दिर में पारस प्रभु की ,मोहनी मूरत होगी -२
भक्ति के गीत गाते,भक्तो की टोली होगी
तूं भी संग संग उनके पूजा कर आना रे -----सैया मन्दिर जाना रे

पूजा की थाली होगी, केसर की प्याली होगी -२
दीपों की जगमग करती ,छटा निराली होगी
श्री जी को अर्घ चढा कर आना रे ---------सैया मन्दिर जाना रे

फलो की थाली होगी ,शास्त्र जिनवाणी होगी -२
श्री जी के पास में ही चांदी की माला होगी
माला प्रभु जी की तुम फेर के आना रे --------सैया मन्दिर जाना रे
रचयिता-राजू बगडा-ता;-०८.०८.२००६
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