मंगलम भगवान वीरो,मंगलम गौतमो गणी । मंगलम कुन्द्कुंदाद्दौ, जैन धर्मोस्तु मंगलम ॥ णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उव्झायाणं णमो लोए सव्व साहुणं..ऐसो पञ्च णमोक्कारो,सव्व पाव पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिम् पढमं हवई मंगलम ........ मैंने कुछ भजन भगवान् की भक्ती मे अर्पण किये है -आप भी इनका रसपान करे ! by raju bagra-madurai
Tuesday, October 29, 2024
99 तर्ज लग जा गले की फिर ये हसीं रात हो न हो (वो कौन थी)
Saturday, August 24, 2024
93 तर्ज ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें (इज्जत)
Sunday, September 24, 2023
88 तर्ज-कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद, )
Monday, September 6, 2021
70 तर्ज का करू सजनी आए ना बालम Song : Ka Karoon Sajni Aaye Na BalamAlbum : Swami (1977)Singer : YesudasMusician : Rajesh RoshanLyricist : Amit Khanna
Saturday, August 14, 2021
69 तर्ज-जब जब बहार आयी और फूल मुस्कराये मुझे तुम याद आये Taqdeer (1967):Singer: Mohammed RafiMusic: Laxmikant-PyarelalLyrics: Anand Bakshi
Tuesday, June 16, 2020
66 हमें और जीने की चाहत न होती
मुनी वर्ध मान सागर, आये तोरे द्वारे
शरण मिल जाए तेरी, यही आश धारे
1
तुम्हीं सच्चे गुरु और, पंच परमेष्ठि
तुम्हीं सच्चे साधक, तपस्वी हो श्रेष्ठि
गुरुवर तुम्हारे,चरणों की धूलि
लगालू जो माथे पे ,टले कर्म सूली
मुनी वर्ध मान सागर, आये तोरे द्वारे
2
दर्शन ज्ञान की, सम्यक मूर्ति
सच्चे चरिsत्र की, जीवन्त ज्योति
शान्तिसागर ,_आचार्य के जैसे
हे गुरु तुम सम ,पुण्य से मिलते
मुनी वर्ध मान सागर, आये तोरे द्वारे
रचयिता
राजू बगड़ा
ता: 19.6.2020
12.30 AM
Tuesday, March 31, 2020
67 मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मिलता,हमेशा,सुख,अहिंसा,के भाव से
दे कर गए संदेश,महा-वीर,ज्ञान से
मुनि वर्धमान, सागर तेरे ,चरणों की ,करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
1
सनावद गांव धन्य हुआ,
तेरे आने से जग झूमा
हुआ हर्षित कमल का मुख,2
मनोरमा मां का, मन झूमा
तुम्हीं वर्तमान,के वर्द्धमान हो, तेरी, करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
2
आचार्य शान्ति सागर की
परम्परा को निभाते हो
अठाईस मूल गुण मुनि के 2
पालन ,करते कराते हो
प्रभू भक्ति में ,रत हरदम,गुरु तेरी करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
मुनि वर्धमान, सागर तेरे ,चरणों की ,करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
रचयिता
राजू बगड़ा
ता: 19.6.20
10.30 pm
Sunday, September 16, 2018
54 तर्ज -प्यार दीवाना होता है ,मस्ताना होता है [कटी पतंग]
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
१
गुरु कहे हर आतम से - तेरा नहीं कोय
काया नहीं तेरी अपनी -दुजा होवे कौन
स्वारथ के रिश्ते है ,गले ,लगा के बैठा है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
२
गुरु कहे हर आतम से , संयम मन में धार
वश में करले इन्द्रियों को ,होवे फिर उद्धार
तप करने से मन में संयम उत्पन्न होता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
३
सुनो किसी गुरुवर ने ये ,कहा बहुत खूब
मना करे दुनियां लेकिन मेरे महबूब
हिंसा के पथ पर चलने से , दुःख ही मिलता है
प्रेम के पथ पर चलने से,बस ,सुख ही मिलता है
गुरु जनों के मुख से जो ,जिनवाणी सुनता है
गुरु शरण में चलो सभी ,दुःख गुरु ही हरता है
रचयिता -राजू बगड़ा
ता ; 17 -9 -2018 -1.00 am
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