Saturday, August 6, 2011

36 तर्ज -मुन्नी बदनाम हुयी डारलिंग तेरे लिए [दबंग]

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मंदिर की जोत बनू ,प्रभुजी तेरे लिए -३
तेरी भक्ति में डूबा मन हमारा तन हमारा है
माथे का मुकुट बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए
तेरी भक्ति में डूबा मन हमारा तन हमारा है
चांदी का छतर बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए -२

सारे भोगो से मेरा मन भर गया ,---मन भर गया -२
तेरे चरणों में आके दिल खुश हुआ ,----दिल खुश हुआ
ध्यान करने से तेरा मिलती है खुशिया &&&&&
ध्यान करने से तेरा मिलती है खुशिया और नाचे जिया
फूलो का हार बनू प्रभुजी तेरे लिए
केसर के फूल बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए -२

हो वीरा ,हो वीरा
हो वीरा रे,हो वीरा रे-तेरा गली गली चर्चा रे
लगा भक्तो का -भक्तो का मेला रे
हो वीरा रे ए ए ए ए ए 

लाखो दुखो की तू है ,एक दवा--------एक दवा -२
राजा और रंक सारे आते यंहा ------आते यंहा
शीश झुकाते तेरे आगे ये सारे &&&&&&&
शीश झुकाते तेरे आगे ये सारे और मांगे दुआ
मै तेरे जैसा बनू   प्रभु  जी  तेरे लिए
चरणों की धूल बनू प्रभु जी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए -२

चारो गतियो में फिरता हो अधमरा -----हो अधमरा -२
दुखो से रहता हरदम  साथ  मेरा --------साथ  मेरा
बड़े भागो से मुझको आज मिला है &&&&&&
बड़े भागो से मुझको आज मिला है दर्शन तेरा बड़ा
मोतियन की माला बनू प्रभुजी तेरे लिए
मै बांदरवाल बनू  प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए

तेरी भक्ति में डूबा मन हमारा तन हमारा है
दीये की बाती बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की घंटी बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की ध्वजा बनू प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर का कलश बनू प्रभुजी तेरे लिए

पिछी कमंडल बनू प्रभुजी तेरे लिए
पूजा की थाली बनू प्रभुजी तेरे लिए
चांदी का चंवर बनू प्रभुजी तेरे लिए
चरणों की धूल बनू प्रभुजी तेरे लिए
फूलो का हार बनू   प्रभुजी तेरे लिए
मंदिर की जोत बनू प्रभुजी तेरे लिए
प्रभुजी तेरे लिए -३
रचयिता
राजू बगडा
ता;-७.८.२०११







Sunday, July 31, 2011

14 तर्ज -पैसा पैसा करती है तू पैसे पे क्यू मरती है [दे दना दन]

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क्या बात है  क्या चीज है मै मै- ४

मै  मै  मै  मै  करता है ,तू मै  मै  मै  क्यू करता है 
इक बात मुझे बतलादे तू ,ये  मै मै मै क्यू रटता है 
मै  मै  मै  मै  करने से ,फूटेगी किस्मत तेरी 
तू मै मै मै मै  मत करना ,चमकेगी किस्मत तेरी -२
मैंने ये किया मैंने वो किया ,दुनिया को समझाता है 
दान धरम करके तू अपना,      डंका खूब बजाता है 
दुनिया मे ,मै मै करने से ,      दिलो की बढती दूरी 
चुपचाप किये जा दान धरम ,चमकेगी किस्मत तेरी -२ 
इसने मुझको ऐसा कह दिया ,उसने मुझको वैसा कह दिया 
याद नहीं रहता पर तुझको ,तूने किसको क्या क्या कह दिया 
कहते कहते उमर बीत गयी,मै  मै हुयी न पूरी 
इक प्यार की झप्पी देने से ,संवरेगी किस्मत तेरी -२ 
तुझसे पहले कितने आये ,कितने आ के चले गए 
खूब रसूख था दुनिया मे ,उनके वंशज भी नहीं रहे 
सुबह का खाया, शाम को याद नहीं रखते दुनिया मे 
तू नाम की चिंता छोड़, तभी चमकेगी किस्मत तेरी 

तू मै मै मै मै मत करना ,चमकेगी किस्मत तेरी -३

रचयिता -राजू बगडा
ता;३१.७.२०११