Thursday, September 17, 2015

50 तर्ज -उडियो रे उडियो [सुवटियो ]मारवाड़ी

चालो र चालो  मंदिरा म आज -आज रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
पर्युषण है मोक्ष मार्ग रो द्वार -द्वार रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार

क्षमा धर्म से पारस -मुक्ति में गया -मुक्ति में गया
बैर कमठ न नरका दियो पुगाय -आय रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार


खाता पीता उमर -सारी बीतगी -ढ़ोला बीतगी
रसना इंद्री न  देदो विश्राम -आराम रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार


दान धर्म करबा स्यु -भाया भव सुधर -भाया गति सुधर
प्रभु चरणा म धन रो ढेर चढ़ाय-  आय रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार

रचयिता
राजू बगड़ा
ता 18 . 9 . 2015

49 तर्ज -परदे में रहने दो पर्दा ना उठाओ -[शिकारी ]


जैसा जो बोयेगा ,वैसा वो पायेगा -२
बोया है जो बबुल  , तो कांटे ही पायेगा
पापो से करले तौबा -करले पापो से तौबा

पाप के फंदे तू खुद बुनता है
बुनके फंदो  को तू खुश होता है
जब भी , दुखो की बाढ़ आती है -२
रोते रोते ही -२ जान जाती है -
                            हा तो -जैसा जो बोयेगा

दश धर्मों के -  दस दिन आये है
पापो से -बचने के दिन आये है
अपनी काया को, अब  तपाले तू -२
याद रखना फिर  -२ मुक्ति पाओगे
                             हा  तो -जैसा जो बोयेगा

रचयिता -राजू बगड़ा
ता -16 . 09 . 2015
11 . 55 pm