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Sunday, September 4, 2011

16 तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ]

इस गाने की राग सुनने के लिए यंहा क्लिक करे 

मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला
दर्शन करा दे  भरतार -हो जाये मेरा बेडा पार 

होटल ले जाऊ  तुझे -    पिक्चर दिखाऊ तुझे
किटी पार्टी भी तू सम्भाल-छोड़ ये धर्म का विचार 
कितने तिर्थंकरो के, जहाँ  कल्याण हुए -२
अनगिनत जीव भव, सागर से पार हुए
स्वर्गो से देव जहाँ, प्रभु पूजा को आते -२
किटी पार्टी नहीं जाना 
होटल पिक्चर नहीं जाना
करवा दे यात्रा एक बार 
हो जाये मेरा बेडा पार------------
                        होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
मोटर ना बंगला मांगू ,झुमका ना हार मांगू-२
प्रभु पूजा की  खातिर, थोडा सा टेम मांगू
सैय्याँ  बेदर्दी  मेरे ,थोडा सा खर्चा मांगू-२
किस्मत बना दे मेरी 
यात्रा करवा दे मेरी
दर्शन करवा दे एक बार
हो जाये मेरा बेडा पार
                      होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
जब से सुना है मधुबन ,बाबा के दर्शन से ही -२
जनम जनम के  सारे,पापो का नाश होवे 
जायेंगे दोनों मिल के ऐसी पावन धरती पे -२
चिंता तू छोड़ गौरी 
मेरी भी इच्छा हुयी 
दर्शन करले हम एक बार
हो जाये अपना बेडा पार
                            मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला-------
रचयिता 
राजू बगडा
ता;-४.९.२०११ 

                           



Sunday, November 14, 2010

13 तर्ज सुरमयी अंखियों में नन्हा मुन्ना इक सपना दे जा रे - [सदमा]

इस गाने की राग सुनने के लिए यंहा क्लिक करे
http://sound14.mp3pk.com/indian/sadma1983/sadma04%28www.songs.pk%29.म्प३
प्रभु चरणों में आकर
मुझको बड़ा अच्छा लगता है -२
प्रभु मेरे सच्चे साथी है
भव भव से वो साथी है -रा री रा री ओ रारी ओ

देव गुरु ब्रहस्पति भी अपने
ज्ञान से प्रभु गुण गा नहीं पाते
ऐसे में मुझ अ$ज्ञानी की ,स्तुति सुन के
होती है सब जग में हँसी
फिर भी मै करता स्तुति ---------प्रभु चरणों में आकर ------

तीन लोक की सुन्दरता यदि
रूप बदलकर प्रभु सम आवे
प्रभु चेहरे को ,देखकर इक पल में ही
शरम से मुरझाने लगे
और फिर ये गाने लगे ------------प्रभु चरणों में आकर ------------

पंचेंद्रियो को वश में करके
चंचल मन को वश में करके
खुद को जीता ,इसलिए दुनिया वाले
महा वीर कहने लगे
तेरे गुण गाने लगे ------------प्रभु चरणों में आकर ---------------
रचयिता -राजू बगडा
ता;१४-११-२०१०