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Monday, September 6, 2021

70 तर्ज का करू सजनी आए ना बालम Song : Ka Karoon Sajni Aaye Na BalamAlbum : Swami (1977)Singer : YesudasMusician : Rajesh RoshanLyricist : Amit Khanna

का करूं गुरुवर, जागे ना आतम
का करूं गुरुवर, जागे ना आतम
कौन विधी मैं करूं , वश में ये इंद्रियां
जागे ना आतम
1
जब भी पाऊं दर्शन तेरा,भक्ति मन में जागे 2
कर कर वैयावृति तेरी, संयम मन में जागे
रम गया तेरी ,भक्ती में प्रभू ,मन डूबा जाए  मन डूबा जाए
भवsसागर में गुरू, तू ही है खिवैया
जागे ना आतम
2
लख चौरासी फिरते फिरते,तेरी चौखट पायी 2
तपसी तेरा संयम देखा,तप करने की ठानी
रम गया तेरी ,भक्ती में प्रभू ,मन डूबा जाए  मन डूबा जाए
भवsसागर में गुरू, तू ही है खिवैया
जागे ना आतम

का करूं गुरुवर, जागे ना आतम
का करूं गुरुवर, जागे ना आतम
कौन विधी मैं करूं , वश में ये इंद्रियां
जागे ना आतम
रचयिता
 राजू बगड़ा, मदुरै 
www.rajubagra.Blogspot.com
6 sept 2021
9pm







Sunday, September 4, 2011

16 तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ]

इस गाने की राग सुनने के लिए यंहा क्लिक करे 

मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला
दर्शन करा दे  भरतार -हो जाये मेरा बेडा पार 

होटल ले जाऊ  तुझे -    पिक्चर दिखाऊ तुझे
किटी पार्टी भी तू सम्भाल-छोड़ ये धर्म का विचार 
कितने तिर्थंकरो के, जहाँ  कल्याण हुए -२
अनगिनत जीव भव, सागर से पार हुए
स्वर्गो से देव जहाँ, प्रभु पूजा को आते -२
किटी पार्टी नहीं जाना 
होटल पिक्चर नहीं जाना
करवा दे यात्रा एक बार 
हो जाये मेरा बेडा पार------------
                        होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
मोटर ना बंगला मांगू ,झुमका ना हार मांगू-२
प्रभु पूजा की  खातिर, थोडा सा टेम मांगू
सैय्याँ  बेदर्दी  मेरे ,थोडा सा खर्चा मांगू-२
किस्मत बना दे मेरी 
यात्रा करवा दे मेरी
दर्शन करवा दे एक बार
हो जाये मेरा बेडा पार
                      होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
जब से सुना है मधुबन ,बाबा के दर्शन से ही -२
जनम जनम के  सारे,पापो का नाश होवे 
जायेंगे दोनों मिल के ऐसी पावन धरती पे -२
चिंता तू छोड़ गौरी 
मेरी भी इच्छा हुयी 
दर्शन करले हम एक बार
हो जाये अपना बेडा पार
                            मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला-------
रचयिता 
राजू बगडा
ता;-४.९.२०११ 

                           



Friday, August 8, 2008

29 तर्ज;-रात और दिन दिया जले

रात और दिन दिया जले
मेरे मन में फिर भी अँधियारा है
जाने कंहा हो प्रभु तुम
तू जो मिले जीवन उजियारा है ------------रात और दिन

पग पग मन मेरा ठोकर खाय
चाँद और सूरज भी राह न दिखाय
ऐसा उजाला कोई मन में समाय
जिससे तिहारा दर्शन मिल जाए ------------रात और दिन

देखूं प्रभु जब तुम्हे मन में बसाय
मेरे मन की कलि- कलि ही खिल जाए
ऐसा उजाला कोई मन में समाय
जिससे तिहारा दर्शन मिल जाए ------------रात और दिन

कब से भटक रहा प्रभु मै मगर
फिर भी क्यूँ मिली नही सुख की डगर
आज जो देखा प्रभु तुम्हे मन ध्याय
शान्ति ही शान्ति मेरे मन आय ----------रात और दिन
रचयिता -राजू बगडा-ता;- १०.०८.१९७९