Friday, September 6, 2024

96 तर्ज ये शाम मस्तानी मदहोश किए जा

96 
तर्ज ये शाम मस्तानी मदहोश किए जा
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हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे 
कोई गर,हमें डराए, मौत से ,नहीं डरे 
1
प्रेम, करते सदा, हम बैर रखते नहीं 
भोsजन करें वो ही, जिनमें जीव मरते नहीं 
दया करे, सब पे सदा, 
चाहे कोई भी हो आपदा 
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे 
कोई गर ,हमें डराए, मौत से, नहीं डरे
2
उपवास, करते हैं हम, संयम s रक्खें सदा 
अणुव्रत, पालन करें, क्षमा भाव, रक्खें सदा 
महावीर के, भक्त है हम 
रहें  सदा भक्ती में हम 
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s  नहीं करे 
कोई गर, हमें डराए, मौत से, नहीं डरे
3
परि-ग्रह रखते नहीं, गुरुवर हमारे हैं 
कभी क्रोध करते नहीं, तपसी हमारे हैं 
पैदल चलें, हर पल वो 
सबको बचाते पापों से वो 
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे 
कोई गर,हमें डराए, मौत से ,नहीं डरे
रचयिता 
राजू बगङा ,मदुरै 
7.9.24 (00.30 am)
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Wednesday, September 4, 2024

95 तर्ज बाईसा रा बीरा जयपुर जाज्यो नी (मारवाड़ी)

95
तर्ज बाईसा रा बीरा जयपुर जाज्यो नी (मारवाड़ी)
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त्रिशला रा वीरा, भूल ना जाज्यो जी 2
खड़ा उडीका, कणां थे आस्यो 2

चांदनपुर जाके, घणी मैं भक्ती करी 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2

महावीरजी म , लाडू चढ़ाया घणा 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2

कुंडलपुर जाके, छत्तर चढ़ाया म्हें 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2

पर्युषण आया, संयम स्यू तपस्या करी 2
सुपना में म्हारे स्यु, मिलबा थे आया 2

बाई सा रा बीरा, बात बतावां सुणो 2
महावीर प्रभू आज , म्हान दरश दिया 2

रचयिता 
राजू बगड़ा 
5.9.2024 (00.10 a.m.)
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Sunday, September 1, 2024

94 तर्ज लड़ली लूमा लूमा हे गोरबंद नखरालो मारवाड़ी

94
तर्ज लड़ली लूमा लूमा हे गोरबंद नखरालो मारवाड़ी 
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मनड़ो झूम: झूम: आज
मनड़ो झूम: झूम: आज
गुरूवर आंगण: पधार्र्या रे,
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
1
भोरां भोरां, उठके, चौको लगायो 2
तो आदर सूं 2, पड़गाह ल्याया गुरुवर न आज 
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
2
चरण पखारा,नवदा भक्ति करा म्हे 2
तो तीनों शुद्धि 2 , बोलकर, दियो आहार
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
3
संयम सिखाव,दश धर्म बताव:2
तो हिंसा से 2, बचाए कर,जीणो सिखाव 
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
रचयिता 
राजू बगड़ा 
मदुरै 
1.9.24 (11.55 pm)
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