पद्मावती माता की
जय जय पद्मावती माता,जय जय मां 2
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बड़ा अद्भुत है,प्यार अपार, मां के द्वारे पे,
मां के द्वारे पे
होवे सबका ही, बेड़ा पार, मां के द्वारे पे,
मां के द्वारे पे
प्रीती करूं, भक्ती करूं, तन मन से पूजा करूं
जीवन सुधारूं रे,
ओ प्यारा प्यारा जीवन सुधारूं रे,
ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,
पद्मावती माता की
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आज पाया है वैभव अपार, मां की भक्ती से
मां की भक्ती से
मिटे भव भव का दुःख अपार, मां की सेवा से
मां की सेवा से
नृत्य करूं, गान करूं, झूम के मैं भक्ती करूं
मां को निहारूं रे,
ओ प्यारी प्यारी मां को निहारूं रे
ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,
पद्मावती माता की
जय जय पद्मावती माता,जय जय मां 2
रचयिता
कविता बगड़ा
3.4.2022