मंगलम भगवान वीरो,मंगलम गौतमो गणी । मंगलम कुन्द्कुंदाद्दौ, जैन धर्मोस्तु मंगलम ॥ णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं णमो उव्झायाणं णमो लोए सव्व साहुणं..ऐसो पञ्च णमोक्कारो,सव्व पाव पणासणो मंगलाणं च सव्वेसिम् पढमं हवई मंगलम ........ मैंने कुछ भजन भगवान् की भक्ती मे अर्पण किये है -आप भी इनका रसपान करे ! by raju bagra-madurai
Monday, November 18, 2024
100 -तर्ज़ सांसो की माला पे सिमरू मैं पी का नाम (कोयला)
Saturday, August 24, 2024
93 तर्ज ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं, हम क्या करें (इज्जत)
Wednesday, September 27, 2023
89 तर्ज सावन का महीना पवन करे शोर
Sunday, August 28, 2022
82 तर्ज कुन फाया कुन (रॉक स्टार)
Saturday, August 27, 2022
81 तर्ज कैसे बताएं, क्यूं तुझको चाहें, यारा बता ना पाएं (अजब प्रेम की गजब कहानी)
Friday, September 10, 2021
72 तर्ज तेरी मेरी गल्ला होंगी मशहूर,के रातां लम्बियां लम्बियां रे Movie: Shershaah (Year-2021)Singer/गायक: Jubin Nautiyal, Asees KaurMusic Director/संगीतकार: Tanishk BagchiLyrics Writer/गीतकार: Tanishk BagchiStar casts
Tuesday, March 31, 2020
67 मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता
मिलता,हमेशा,सुख,अहिंसा,के भाव से
दे कर गए संदेश,महा-वीर,ज्ञान से
मुनि वर्धमान, सागर तेरे ,चरणों की ,करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
1
सनावद गांव धन्य हुआ,
तेरे आने से जग झूमा
हुआ हर्षित कमल का मुख,2
मनोरमा मां का, मन झूमा
तुम्हीं वर्तमान,के वर्द्धमान हो, तेरी, करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
2
आचार्य शान्ति सागर की
परम्परा को निभाते हो
अठाईस मूल गुण मुनि के 2
पालन ,करते कराते हो
प्रभू भक्ति में ,रत हरदम,गुरु तेरी करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
मुनि वर्धमान, सागर तेरे ,चरणों की ,करूं पूजा
नहीं दिखता, मुझे जग में ,तुम्हारे सम, कोई दूजा
रचयिता
राजू बगड़ा
ता: 19.6.20
10.30 pm
Friday, September 6, 2019
60 तर्ज - हरियाला बन्ना ओ नादान बन्ना ओ (मारवाड़ी)
रुपया पैसा,यो महल मालिया,
यो जग सारो,प्रभु ना भा व-2
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
इक तू ही जा ण ,म्हारी भक्ति री गहराई -2
आंसू डा,बह जाव गर गर
कर्मा री पीड़ा जद सताव
केसरिया प्रभु ओ, सांवरिया प्रभु ओ
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
1
शिखरजी गयो रेे, हे पारस प्रभु रे -2
म वंदना भी कर आयो,
प्रभु अब कष्ट मिटाओ सा
बैरागी प्रभु ओ,बैरागी गुरु ओ-
केसरिया प्रभु ओ, सांवरिया प्रभु ओ
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
इक तू ही जा ण ,म्हारी भक्ति री गहराई -2
आंसू डा,बह जाव गर गर
कर्मा री पीड़ा जद सताव
बैरागी प्रभु ओ,बैरागी गुरु ओ-2
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
2
चांदनपुर गयो रेे, महावीर प्रभु जी -2
थार लाडू भी चढ़ाया,
अब तो दुखड़ा मिटाओ सा
बैरागी प्रभु ओ,बैरागी गुरु ओ-
केसरिया प्रभु ओ, सांवरिया प्रभु ओ
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
इक तू ही जा ण ,म्हारी भक्ति री गहराई -2
आंसू डा,बह जाव गर गर
कर्मा री पीड़ा जद सताव
बैरागी प्रभु ओ,बैरागी गुरु ओ-
केसरिया प्रभु ओ, सांवरिया प्रभु ओ
म्हे आया शरण म थारी, म्हन ना ठुकराओ सा-2
ता:-7.9.2019,1.15 AM
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Monday, September 2, 2019
59 तर्ज-ओ करम खुदाया है तुझे मुझसे मिलाया है-रुस्तम
प्रभु ध्यान लगाया है
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
1
मैंने छोड़े है पापों के रास्ते
अब आया हूं तेरे पास रे
तेरी भक्ति में डूबा जाऊं में
पहचान ले
मैंने क्रोध कषाय को त्याग दिया
मैंने क्षमा धरम अपना लिया
स्वारथ के इस संसार को
है जान लिया
शुभ करम जो आया है,प्रभु ध्यान लगाया है
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
2
कभी किसी भी, गति में जाऊं मैं
तेरे ध्यान से भटक ना जाऊं मैं
मैं हूं अज्ञानी इक आत्मा
पहचानना
तेरा मेरा मिलना दस्तूर है
तेरे होने से मुझमें नूर है
मैं हूं अज्ञानी इक आत्मा
पहचानना
दश धरम निभाने को ,मेरा मन अकुलाया है
जो तेरा संग पाया,ये मन हर्षाया
तू है परमातम , मैंने सब कुछ पाया
ते-रे चरणों में, मैंने ध्यान लगाया
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Sunday, December 30, 2018
58 तर्ज- प्रेम कहानी में इक लड़का होता है इक लड़की होती है(प्रेम कहानी)
प्रभु की पूजा में,
इक शक्ति होती है
इक भक्ति होती है
जब दोनों मिलते है ,तब मुक्ति होती है-2
1
इतनी सी, छोटी सी, होती है ,ये जिंदगानी-2
रुक जाती है,थम जाती है,जब ये सांसे सारी
स्वार्थी दुनियां में
तू एकला आता है
और एकला जाता है
जब कुछ नहीं मिलता है, फिर क्यों तू रोता है
प्रभु की पूजा में,
इक शक्ति होती है
इक भक्ति होती है
जब दोनों मिलते है ,तब मुक्ति होती है
2
गुरुओं का संगम जब तब मिल जाता है हमको
उनके उपदेशों से पथ मिल जाता है हमको
जिनवाणी सुनके
इक ज्ञान जो मिलता है
इक आनन्द मिलता है
जब दोनों मिलते है,तब मोक्ष भी मिलता है
इक शक्ति होती है
इक भक्ति होती है
जब दोनों मिलते है ,तब मुक्ति होती है-2
राजू बगड़ा
ता: 4.9.2019 11.30.P.M
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Tuesday, September 13, 2016
53 तर्ज -जग घूमिया थार जैसा ना कोई [सुल्तान]
मनवा मेरा हर्षाया
जग घुमिया थार.जैसा न कोई -2
थारी शरण में
दुःख दूर सब
तेरी भक्ति में ,डूबा हूं मैं
1
आँखों में दयालुता है ,चेहरे पे शीतलता
मन्द मन्द मुस्काते ,मुखड़े की सुन्दरता
वीतरागता ssssss
वीतरागता की मूरत ,क्षमा भाव रखता है
इन्द्र भी तेरे ,दरश को तरसता है
थान. देव भी पूजते
थान. देख वे हर्षाते
दुखियों की है सुनी
तुम ही हो इक मुनि
हे प्रभू तुमसे है कहना ------जग घुमिया थार.जैसा न कोई -4
2
हरदम तेरा ही मैं, ध्यान लगाता हूँ
भ-क्ति के भावों से मैं, पूजा रचाता हूँ
महावीरजी sssssss
महावीर तुमने जग को, अहिंसा सिखाई
प्रेम सिखाया जग को ,करुणा सिखाई
थान. देव भी पूजते
थान. देख वे हर्षाते
दुखियों की है सुनी
तुम ही हो इक मुनि
हे प्रभू तुमसे है कहना ------जग घुमिया थार.जैसा न कोई -4
रचयिता -राजू बगड़ा
ता;13 -09 -2016
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Wednesday, September 7, 2016
52 तर्ज -मैं कहीँ कवि न बन जाऊ, तेरे प्यार में ए कविता
ता ; 8. 9 . 2016
Tuesday, September 22, 2015
51 तर्ज -धीरे धीरे से मेरी जिन्दगी में आना [आशिकी ]
जिन्दगी का,नहीं कोई ,ठिकाना
जिनके प्यार में,हो गया है,तू दीवाना
उनको छोड़ के,तुमको,इक दिन है जाना
धीरे धीरे --------------
१
जब सेss आया हूँ ,तेरी शरण में ,मेरे प्रभू
तब से मुझको ,नश्वर जग का ,हुआ ज्ञान प्रभू
रिश्ते नाते ,सब स्वारथ में ,लिपटे है प्रभू
पल पल में ,बदलना ,मानव का ,स्वभाव प्रभू
धीरे धीरे,अपने मन को,समझाना ----------------
२
उत्तम है क्षमा,मार्दव,आर्जव ,सत्य शौच संयम
तप त्याग आकिंचन ,ब्रह्मचर्य ,यह दश है धर्म
करना चाहिए ,इनका पालन ,हमें जीवन में
होगा कल्याण ,हमारा ,इनके पालन से
धीरे धीरे,अपने मन को,समझाना ----------------
रचयिता -राजू बगड़ा
ता -२३.०९.२०१५
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Thursday, September 17, 2015
50 तर्ज -उडियो रे उडियो [सुवटियो ]मारवाड़ी
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
पर्युषण है मोक्ष मार्ग रो द्वार -द्वार रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
१
क्षमा धर्म से पारस -मुक्ति में गया -मुक्ति में गया
बैर कमठ न नरका दियो पुगाय -आय रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
२
खाता पीता उमर -सारी बीतगी -ढ़ोला बीतगी
रसना इंद्री न देदो विश्राम -आराम रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
३
दान धर्म करबा स्यु -भाया भव सुधर -भाया गति सुधर
प्रभु चरणा म धन रो ढेर चढ़ाय- आय रे
आयो पर्युषण त्यौहार -आयो पर्युषण त्यौहार
रचयिता
राजू बगड़ा
ता 18 . 9 . 2015
Saturday, August 30, 2014
22 तर्ज-हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में
तर्ज -हर किसी को नहीं मिलता यहाँ प्यार जिंदगी में [जांबाज ]
Tuesday, September 10, 2013
46 तर्ज -क्योंकि तुम ही हो [आशिकी 2 ]
हम तेरे चरणों में आये है जिनवर
अपना शीश झुकाने को
तुझ को छू कर मिल जाये मुक्ति
है विश्वास मेरे मन को
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
१
तेरा मेरा रिश्ता पुराना
भक्ति कभी टूटी ही नहीं
मै कभी तुमसे दूर हुआ पर , तुमने मुंह मोड़ा ही नहीं
हर जनम में तुमने संभाला मुझे
मुझे सम्यक ज्ञान करा के sssss
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
२
मेरे लिए ,ही जिया मै , हूँ स्वार्थी
कर दिया है ,भोगो में जिन्दगी को पूरा -सारी अच्छाइयों को छोड़ा
हर जनम में तुमने संभाला मुझे
मुझे सम्यक ज्ञान करा के sssss
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
रचयिता -राजू बगडा
ता ; १०. ०९. २०१३
Sunday, September 8, 2013
43 तर्ज -जीने लगा हूँ पहले से ज्यादा [रमैया वस्तावैया ]
करने लगा हूँ भक्ति प्रभु की
पहले से ज्यादा अब मै करने लगा हूँ
ओ ssssss ओ sssssss ओ ssssss
मै तेरे ध्यान में डूबा रहूँ
खुद की मै पहचान करता रहूँ
जीना मुझे तू सिखाता रहे
कर्मो का मैल हटाता रहूँ
करने लगा हूँ भक्ति प्रभू की ------------
१
जन्म जन्म के मेरे संस्कार कैसे
उलझा हुआ हूं झूठी माया में ऐसे
झूठी माया में मै उलझा ,जनम जनम से कैसे
तेरी शरण में आया भगवन मुझको बचाले भव से
तुझ से ही शक्ति मिलती मुझे है
भक्ति में तेरी अब मै बहने लगा ------ओ sssss
२
उत्तम क्षमा के फूल खिलने लगे है
हिंसा के कांटे मन से खिरने लगे है
फूल क्षमा के अब तो मेरे, मन में खिलने लगे है
तेरे ध्यान से क्रोध के कांटे ,मन से खिरने लगे है
तुझ से ही शक्ति मिलती मुझे है
भक्ति में तेरी अब मै बहने लगा ----ओ ssssss
रचयिता -राजू बगडा
ता ;०८. ०९. २०१३
Wednesday, September 19, 2012
20 तर्ज-कहीं दूर जब दिन ढल जाये ,सांझ की दुल्हन बदन चुराए [आनंद ]
Sunday, August 26, 2012
39 तर्ज -आलीजा लेता आज्योजी घुमेरदार लन्जो [मारवाड़ी]
पारस जी अरजी सुण ल्योनी ,बुलाव थारो बंदो
बुलाव. थारो बंदो , पुकार.थारो बंदो -2
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,पारस जी अर्जी सुण ल्योनी ,बुलाव.थारो बंदो
1
म्हे पूजा थाल रचावा ,थारी पूजा कर हर्षावा -2
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,पारस जी अर्जी सुण ल्योनी ,बुलाव.थारो बंदो
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,बुलाव.थारो बंदो
पारस जी अरजी सुण ल्योनी ,बुलाव थारो बंदो
2
म्हे राग द्वेष म फँस ग्या ,म्हे मोह माया म फँस ग्या -2
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,पारस जी अर्जी सुण ल्योनी ,बुलाव.थारो बंदो
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,बुलाव.थारो बंदो
पारस जी अरजी सुण ल्योनी ,बुलाव थारो बंदो
3
म्हान प्रेम भाव सिखलाई ज्यो -म्हान क्षमा धरम बतलाई ज्यो -2
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,पारस जी अर्जी सुण ल्योनी ,बुलाव.थारो बंदो
प्रभुजी अरजी सुण ल्यो नी ,बुलाव.थारो बंदो
पारस जी अरजी सुण ल्योनी ,बुलाव थारो बंदो
रचयिता -राजू बगडा
ता -26.8.2012
Tuesday, August 14, 2012
18 तर्ज-एजी हा सा म्हारी रुणक झुणक पायल बाजे सा-[मारवाड़ी]
एजी हा सा म्हारो मनडो पूजा विधान चाव सा -2
बाई सा रा बीरा मन्दिरा म चालो सा -2
एजी हा सा म्हारो मनडो जिनवाणी सुणबो चाव सा -2
बाई सा रा बीरा उपदेशा म चालो सा -2
एजी हा सा म्हारो मनडो आहार देबो चाव सा -2
बाई सा रा बीरा मुनि संघा म चालो सा -2
रचयिता -राजू बगडा
ता;-15-08-2012