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Friday, October 15, 2021

76 तर्ज मतवालो देवरियो मारवाड़ी)

76
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तर्ज मतवालो देवरियो मारवाड़ी)

मतवालो हिवडलो प्रभू थान याद कर 3
1
लोग धरम न भूल भूल कर, कर है खोटा काम 2
पैसो ही भगवान हो गयो, सांको निकल्यो राम 
मतवालो हिवडलो प्रभू थान याद कर 
2
गरीब लोग तो कपड़ा न तरस, आंसुड़ा छलकाव
अमीर लोग फाटेड़ा कपड़ा पेन पेन इतराव
कैसो आयो है जमानो जी, प्रभू थान याद करा
3
सेल्फी लेव, रील बनाव, इंस्टाग्राम चलाव 
मौत आजाव तो भी मोबाइल नहीं छोड़ पाव 
कैसो आयो है जमानो जी, प्रभू थान याद करा
4
नूडल पास्ता खाय खाय, काया की बारा बजाव
धरम की क ख ग नहीं मालुम, धरम न बुरो बताव
कैसो आयो है जमानो जी, प्रभू थान याद करा

रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
24.9.23 /12.15am
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Saturday, September 11, 2021

73 तर्ज किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी हैकहाँ हो तुम के ये दिल बेक़रार आज भी है (एतबार)

73 
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तर्ज किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी है कहाँ हो तुम के ये दिल बेक़रार आज भी है (एतबार)

तेरी दया का प्रभू,मोहताज आज भी हूं 2
कहां हो, मेरे प्रभू, मैं उदास आज भी हूं ossss
तेरी दया का प्रभू,मोह ताज आज भी हूं 
1
किए हैं पाप बहुत, मैंने, जन्मों जन्मों तक
क्षमा की चाह में,मैं बेकरार आज भी हूं
तेरी दया का प्रभू,मोहताज आज भी हूं
2
तू है त्रिलोकपति, देवों ,के,तुम देव प्रभू 2
आया हूं द्वार तेरे,मैं भिखारी आज भी हूं ossss
तेरी दया का प्रभू,मोहताज आज भी हूं
3
दुखो से मुक्ति ,के दश मार्ग ,बताए तुमने 2
भटक गया था, कि भटका हुआ, मैं आज भी हूं ossss
तेरी दया का प्रभू,मोहताज आज भी हूं
कहां हो, मेरे प्रभू, मैं उदास आज भी हूं

रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
ता;11.9.2021, 6pm
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Wednesday, July 22, 2009

10 तर्ज-ससुराल गेंदा फूल -दिल्ली ६ (लोक गीत)


10 
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तर्ज-ससुराल गेंदा फूल -दिल्ली ६ (लोक गीत )
सैय्या मुंह झुकाए ,अख़बार पढता जाए -संसार गेंदा फूल
सास मन्दिर जाए ,ससुरजी घुमण जाए -संसार गेंदा फूल
छूटा प्रभू का दर्शन बहू को ,नौकरानी याद आए
ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय
सास मन्दिर जाए ----------------------------------

मन्दिर म प्रभू की, पूजा तो नही सुहाव
आवण जावण वाला से ,बा तो बतियाती जावे -संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय ,ओय होय होय ,ओय होय होय

सैय्या है व्यापारी ,आए प्रभो के द्वार
मोबाईल पे बतियाते ,प्रभू के जोड़े हाथ -----संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

ऑफिस जल्दी जाणो, यूँ मन म कर विचार
और बिन फेरी काटे ही ,प्रभू से कह बाय बाय -----संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

टीवी और बीबी से ,समय जे बच जाए
कर टीका टिप्पणी गुरुआ पर ,मन म खुशी मनाव---------संसार गेंदा फूल
ओय होय होय ,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय

बेटा है लाडेसर ,और पोता परमेश्वर
आ सब न की ना केव ,बस बहू न धमकाव --------संसार गेंदा फूल

भक्ता की ऐ बाता, भक्ति की परिभाषा
प्रभू देख देख मुस्काव ,संसारी समझ न पाव----------संसार गेंदा फूल

सैय्या मुंह झुकाए ,अख़बार पढता जाए -संसार गेंदा फूल
सास मन्दिर जाए ,ससुरजी घुमण जाए -संसार गेंदा फूल
छूटा प्रभू का दर्शन बहू को ,नौकरानी याद आए
ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय,ओय होय होय
रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
२१.०७.०९
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