Wednesday, September 27, 2023

89 तर्ज सावन का महीना पवन करे शोर (मिलन)(राग-पहाङी)


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तर्ज सावन का महीना पवन करे शोर (मिलन)(राग-पहाङी)

पद्मावती माता की, भक्ती का यहां जोर
माता जिसके साथ हो, वो बन जाए बेजोड़ 
1
पारस प्रभू तोहरे,मस्तक विराजे
इंद्र भी तोहरेे आगे शीश झुकाए
जो भी पारस प्रभू की भक्ती करता दिन रैन
माता उसको दे देती है जीवन के सुख चैन
2
जोत जली हो जिसके, मन में मात की
उसके कमी ना रहे ,किसी भी बात की
प्रसिद्धि मिल जाए , उसे जग में चारों और 
माता जिसके साथ हो, वो बन जाए बेजोड़ 
3
रोग शोक भक्तो के मिटाए,
भूत प्रेत की बाधा हटाए
जीवन के हर काम में बिगड़ी बनाती बात
थोड़ी सी भक्ती से माsता सुन लेती है बात
पद्मावती माता की, भक्ती का यहां जोर
माता जिसके साथ हो, वो बन जाए बेजोड़ 

रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
28.9.23    00.30 am
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Sunday, September 24, 2023

88 तर्ज-कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद, )(राग-शिवरंजनी)

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तर्ज-कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद, )(राग-शिवरंजनी)

गुरुओं से आ के मिल
ए भोग में डूबे दीवाने sss
पहचान तेरी मंजिल,
गुरुओं से आ के मिल ओ ssssss
1
इन्द्रियों ने बिछाया यहां जाल है,
सुख का तो दिखाया बस ख्वाब है 

सुंदर है बहुत , कातिल
ए भोग में डूबे दीवाने sss
नहीं भोग तेरी मंजिल,
गुरुओं से ,आ के मिल ओ ssssss
2
सब जानके भी,क्यूं तूं अनजान है
इन्द्रियों से करे विषपान है 

संयम ही तेरी मंजिल 
ए भोग में डूबे दीवाने sss
नहीं भोग तेरी मंजिल,
गुरुओं से ,आ के मिल 
3
हे तपसी ,तूं बड़ा ही महान है
भोगों को, दिया विराम है

तप से ही मिले मंजिल
हे वीर प्रभू के दीवाने sss 
नहीं भोग तेरी मंजिल,
गुरुओं से ,आ के मिल ओ ssssss

रचयिता -राजू बगड़ा "राजकवि"(सुजानगढ़) मदुरै
24.9.2023   3.45pm
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