तर्ज बाईसा रा बीरा जयपुर जाज्यो नी (मारवाड़ी)
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त्रिशला रा वीरा, भूल ना जाज्यो जी 2
खड़ा उडीका, कदी थे आस्यो 2
चांदनपुर जाके, घणी मैं भक्ती करी 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2
महावीरजी म , लाडू चढ़ाया घणा 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2
कुंडलपुर जाके, छत्तर चढ़ाया म्हें 2
नहीं थे आया, आंसुड़ा छलक्या 2
पर्युषण आया, संयम स्यू तपस्या करी 2
सुपना में म्हारे स्यु, मिलबा थे आया 2
बाई सा रा बीरा, बात बतावां सुणो 2
महावीर प्रभू आज , म्हान दरश दिया 2
रचयिता
राजू बगड़ा
5.9.2024 (00.10 a.m.)
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