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तर्ज लड़ली लूमा लूमा हे गोरबंद नखरालो मारवाड़ी
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मनड़ो झूम: झूम: आजमनड़ो झूम: झूम: आज
गुरूवर आंगण: पधार्र्या रे,
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
1
भोरां भोरां, उठके, चौको लगायो 2
तो आदर सूं 2, पड़गाह ल्याया गुरुवर न आज
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
2
चरण पखारा,नवदा भक्ति करा म्हे 2
तो तीनों शुद्धि 2 , बोलकर, दियो आहार
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
3
संयम सिखाव,दश धर्म बताव:2
तो हिंसा से 2, बचाए कर,जीणो सिखाव
म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
तपस्वी म्हार: आंगण: पधार्र्या रे
रचयिता
राजू बगड़ा
मदुरै
1.9.24 (11.55 pm)
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