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तर्ज ये शाम मस्तानी मदहोश किए जा
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हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे
कोई गर,हमें डराए, मौत से ,नहीं डरे
1
प्रेम, करते सदा, हम बैर रखते नहीं
भोsजन करें वो ही, जिनमें जीव मरते नहीं
दया करे, सब पे सदा,
चाहे कोई भी हो आपदा
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे
कोई गर ,हमें डराए, मौत से, नहीं करे
2
उपवास, करते हैं हम, संयम s रक्खें सदा
अणुव्रत, पालन करें, क्षमा भाव, रक्खें सदा
महावीर के, भक्त है हम
रहें सदा भक्ती में हम
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे
कोई गर, हमें डराए, मौत से, नहीं करे
3
परि-ग्रह रखते नहीं, गुरुवर हमारे हैं
कभी क्रोध करते नहीं, तपसी हमारे हैं
पैदल चलें, हर पल वो
सबको बचाते पापों से वो
हम जैन धर्म वाले , हिंसा s नहीं करे
कोई गर,हमें डराए, मौत से ,नहीं करे
रचयिता
राजू बगङा ,मदुरै
7.9.24 (00.30 am)
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