हम तेरे चरणों में आये है जिनवर
अपना शीश झुकाने को
तुझ को छू कर मिल जाये मुक्ति
है विश्वास मेरे मन को
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
१
तेरा मेरा रिश्ता पुराना
भक्ति कभी टूटी ही नहीं
मै कभी तुमसे दूर हुआ पर , तुमने मुंह मोड़ा ही नहीं
हर जनम में तुमने संभाला मुझे
मुझे सम्यक ज्ञान करा के sssss
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
२
मेरे लिए ,ही जिया मै , हूँ स्वार्थी
कर दिया है ,भोगो में जिन्दगी को पूरा -सारी अच्छाइयों को छोड़ा
हर जनम में तुमने संभाला मुझे
मुझे सम्यक ज्ञान करा के sssss
क्यूँ कि तुम ही हो
अब तुम ही हो
वीर प्रभु अब तुम ही हो
चैन भी ,विश्वास भी ,महावीर स्वामी तुम ही हो
रचयिता -राजू बगडा
ता ; १०. ०९. २०१३
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