Wednesday, September 20, 2023

87-तर्ज मेरा दिल ये पुकारे आजा

गुरुsवर की शरण में आ जा
छुटsकारा दुखों से पा जा
भोगो के जंजाल से 
मोह माया जाल से
गुरुsवर की शरण में आ जा
छुटsकारा दुखों से पा जा
भोगो के जंजाल से 
 मोह माया जाल से
 गुरुsवर की शरण में आ जा
चारों गतियों में फिरता फिरे, क्यूं फिरे क्यूं फिरे-2
 कोई नहीं है तेरा
 स्वार्थ का है ये घेरा
 बस इतना सा ज्ञान जगा जा
 भोगो के जंजाल से 
 मोह माया जाल से
 गुरुsवर की शरण में आ जा
 तप करके ही बुझती है आग मन की ,मन की-2
 कर s उपवास तूं, 
 संयम को धार तूं
 बस, इतनीसी लगन लगा जा
 भोगो के जंजाल से 
 मोह माया जाल से
 गुरुsवर की शरण में आ जा
 भोगो के जंजाल से 
 मोह माया जाल से
 भोगो के जंजाल से 
 मोह माया जाल से
 गुरुsवर की शरण में आ जा
रचयिता राजू बगड़ा, मदुरई
21.9.23  00.05
www.rajubagra.blogspot.com


 

 






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