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तुमको नमन नमन नमन नमन ------४
बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन नमन नमन -२
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन नमन नमन -२
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन नमन नमन-२
१
जब गगन अगन बरसावे है
तो भी ये पैदल जावे है
चेहरे पे शिकन ना आवे है-तुमको है नमन
ये एक समय ही खावे है
ये जमीन पर सो जावे है
फिर भी हरदम मुसकावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन नमन नमन-२
२
कोई जीव कहीं मर जावे ना
सो देख भाल कर जावे है
ये हाथ में पिच्छी राखे है-तुमको है नमन
जब रात को दुनिया सोवे है
तब आतम ध्यान लगावे है
ये सबको पार लगावे है -तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन नमन नमन-२
३
ये जंगल जंगल घूमे है
और गाँव गाँव में जावे है
३
ये जंगल जंगल घूमे है
और गाँव गाँव में जावे है
ये सबको धरम सिखावे है-तुमको है नमन
उपसर्ग कभी जो आवे है
तो शांत भाव सह जावे है
वो जैन मुनि कहलावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे&&&&&&
तुमको नमन नमन नमन नमन-२
बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन नमन नमन -२
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन नमन नमन -२
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन नमन नमन-२
रचयिता
राजू बगडा
ता ;८.९.२०११
रचयिता
राजू बगडा
ता ;८.९.२०११
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