Saturday, December 24, 2011

38 तर्ज why this kolaveri kolaveri kolaveri d-super bhajan-english-


38 तर्ज why this kolaveri kolaveri kolaveri d-super bhajan-english-

why this thari mhari,thari mhari,thari mhari d- [3 time]  [thari mhari means-its yours its mine]
why this thari mhari,------------------------------ d
sky lu sun moon,  hot cool bright
hot cool girl boys, always   fight
why this thari mhari,thari mhari,thari mhari d-2

everybuddy near dear, nobuddy but yours
everytime keep in mind,death will be sure 
why this thari mhari,thari mhari,thari mhari d-2

pa pa p pa-  pa pa p pa- pa pa p pa- pap pa-2-------------
ok mama 
now tune changes

khali hath [only english]
empty hand comes in world, empty hand goes
everybuddy  know  it  well,  no buddy believe 

money money lovely money,everybuddy want u
black  money  white  money,   any colour love u

life like water drops, burst any how
mom dad son wife,nobuddy save u

why this thari mhari,thari mhari,thari mhari d-2
why this thari mhari,thari mhari,thari mhari d-2

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
dt-24.12.2011
11.00 pm
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Thursday, September 8, 2011

17 तर्ज -हुड हुड दबंग दबंग दबंग दबंग-[दबंग] (राग-भैरवी)

17 
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तर्ज -हुड हुड दबंग दबंग दबंग दबंग-[दबंग] (राग-भैरवी)

तुमको नमन नमन  नमन  नमन ------४
बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२ 
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२

सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२
जब गगन अगन बरसावे है 
तो  भी  ये  पैदल  जावे है
चेहरे पे शिकन ना आवे है-तुमको है नमन 
ये एक समय ही खावे है
ये जमीन पर सो जावे है
फिर भी हरदम मुसकावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२
कोई जीव कहीं मर जावे ना
सो देख भाल कर जावे है
ये हाथ में पिच्छी राखे है-तुमको है नमन
जब रात को दुनिया सोवे है
तब आतम ध्यान लगावे है
ये सबको पार लगावे है -तुमको है नमन 
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

ये जंगल जंगल घूमे है
और गाँव गाँव में जावे है
ये सबको धरम सिखावे है-तुमको है नमन
उपसर्ग कभी जो आवे है
तो शांत भाव सह जावे है
वो जैन मुनि कहलावे है-तुमको है नमन
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे-पावे&&&&&&
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

बड़े जुंझार-तपसी महान-रहे तपस्या में ये आगे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२ 
बड़े क्षमावान -बड़े दयावान -नगन रूप को धारे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन -२
सर्दी हो ,गर्मी हो,या बारिश ,या तूफां हो---तपस्या से डिग ना पावे
तुमको नमन नमन  नमन  नमन-२

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता ;८.९.२०११ 
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Sunday, September 4, 2011

16 तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ] (राग-वृन्दावनी सारंग)

16
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तर्ज-कजरा मोहब्बत वाला अंखियो में ऐसा डाला [किस्मत ] (राग-वृन्दावनी सारंग)
मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला
दर्शन करा दे  भरतार -हो जाये मेरा बेडा पार 

होटल ले जाऊ  तुझे -    पिक्चर दिखाऊ तुझे
किटी पार्टी भी तू सम्भाल-छोड़ ये धर्म का विचार 
कितने तिर्थंकरो के, जहाँ  कल्याण हुए -२
अनगिनत जीव भव, सागर से पार हुए
स्वर्गो से देव जहाँ, प्रभु पूजा को आते -२
किटी पार्टी नहीं जाना 
होटल पिक्चर नहीं जाना
करवा दे यात्रा एक बार 
हो जाये मेरा बेडा पार------------
                        होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
मोटर ना बंगला मांगू ,झुमका ना हार मांगू-२
प्रभु पूजा की  खातिर, थोडा सा टेम मांगू
सैय्याँ  बेदर्दी  मेरे ,थोडा सा खर्चा मांगू-२
किस्मत बना दे मेरी 
यात्रा करवा दे मेरी
दर्शन करवा दे एक बार
हो जाये मेरा बेडा पार
                      होटल ले जाऊ  तुझे -पिक्चर दिखाऊ तुझे---------------
जब से सुना है मधुबन ,बाबा के दर्शन से ही -२
जनम जनम के  सारे,पापो का नाश होवे 
जायेंगे दोनों मिल के ऐसी पावन धरती पे -२
चिंता तू छोड़ गौरी 
मेरी भी इच्छा हुयी 
दर्शन करले हम एक बार
हो जाये अपना बेडा पार
                            मंदिर शिखरजी  वाला-पारस की टोंक वाला-------

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;-४.९.२०११ 
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Saturday, August 27, 2011

15 बड़े अच्छे लगते है-ये धरती,ये नदिया,ये रैना ,और तुम [बालिका वधु ](राग-देवगिरी बिलावल)

15 
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तर्ज़-अच्छे लगते है-ये धरती,ये नदिया,ये रैना ,और तुम [बालिका वधु ](राग-देवगिरी बिलावल)

बड़े अच्छे लगते है
जिन दर्शन 
जिन वाणी 
जिन पूजा 
और
जिनवर 
मैंने भक्ति भाव से प्रभू- तेरी पूजा रचायी
मुझ पर ऐसी कृपा करना, अब -जिसमे हो मेरी भलाई 
बड़े अच्छे लगते है
जिन मंदिर 
जिन  वेदी 
जिन मूरत 
और
जिनवर
उतम क्षमा ,मार्दव ,आर्जव -सत्य,शौच,संयम,तप
त्याग आकिंचन ब्रहमचर्य का -सारे जग में हो पालन 
बड़े अच्छे लगते है
ये पिछी
ये कमंडल 
ये मुनिवर 
और
जिनवर
बड़े अच्छे लगते है
जिन दर्शन 
जिन वाणी 
जिन पूजा 
और
जिनवर 
रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता; २७.८.२०११ 
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Sunday, July 31, 2011

14 तर्ज -पैसा पैसा करती है तू पैसे पे क्यू मरती है [दे दना दन]

14
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 तर्ज -पैसा पैसा करती है तू पैसे पे क्यू मरती है [दे दना दन]

क्या बात है  क्या चीज है मै मै- ४

मै  मै  मै  मै  करता है ,तू मै  मै  मै  क्यू करता है 
इक बात मुझे बतलादे तू ,ये  मै मै मै क्यू रटता है 
मै  मै  मै  मै  करने से ,फूटेगी किस्मत तेरी 
तू मै मै मै मै  मत करना ,चमकेगी किस्मत तेरी -२
मैंने ये किया मैंने वो किया ,दुनिया को समझाता है 
दान धरम करके तू अपना,      डंका खूब बजाता है 
दुनिया मे ,मै मै करने से ,      दिलो की बढती दूरी 
चुपचाप किये जा दान धरम ,चमकेगी किस्मत तेरी -२
इसने मुझको ऐसा कह दिया ,उसने मुझको वैसा कह दिया 
याद नहीं रहता पर तुझको ,तूने किसको क्या क्या कह दिया 
कहते कहते उमर बीत गयी,मै  मै हुयी न पूरी 
इक प्यार की झप्पी देने से ,संवरेगी किस्मत तेरी -२ 
तुझसे पहले कितने आये ,कितने आ के चले गए 
खूब रसूख था दुनिया मे ,उनके वंशज भी नहीं रहे 
सुबह का खाया, शाम को याद नहीं रखते दुनिया मे 
तू नाम की चिंता छोड़, तभी चमकेगी किस्मत तेरी 

तू मै मै मै मै मत करना ,चमकेगी किस्मत तेरी -३

रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;३१.७.२०११ 
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Thursday, March 31, 2011

35 तर्ज -प्यार माँगा है तुम्ही से ,ना इनकार करो [कॉलेज गर्ल ](राग-पीलू)


35 
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तर्ज -प्यार माँगा है तुम्ही से ,ना इनकार करो [कॉलेज गर्ल ] (राग-पीलू)
पास प्रभु के  आओ  तुम 
ना इनकार करो -
पास बैठो जरा उनके 
थोडा ध्यान करो ---------------पास प्रभु के ............
कितने जनम हुए ,कितने मरण हुए 
समझ न पाए हम -अब तक खुद को 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो ---------------------पास प्रभु के ..........
हर पल जिसे चाहे ,सेवा करे दिन रात 
वो ही सुन्दर काया ,नहीं   देगी    साथ 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो --------------------पास प्रभु के ..............
मानव जनम सफल है ,गर प्रभु  हम सफर है 
प्रभु ने बताई जो बात ,    वो  है   सच्ची   राह 
थोडा ध्यान करो 
प्रभु से बात करो -----------------पास प्रभु के .............
रचयिता -राजू बगडा-"राजकवि"(सुजानगढ़)मदुरै
ता;-०१.०४.२०११ 
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