Sunday, August 3, 2008

04 तर्ज;-आंखों में तेरी अजब सी अजब सी अदाएं है -फिल्म -ॐ शान्ति ॐ

04 तर्ज;-आंखों में तेरी अजब सी अजब सी अदाएं है -फिल्म -ॐ शान्ति ॐ
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प्रभु मै तो, ss थारी ,पूजा पाठ रचाऊं
दिया जलाऊं -अर्घ चढाऊं ,मन में --हुल्साऊं

तेरे चरणों में मिलता ,मेरे मन को चैन है
मन हो जाए फूल सा कोमल ,मिटते मन के मैल है
तेरे चरणों में ध्यान लगा के लगा के मै तप जाऊँ
तेरे ज्ञान की जोत हिये में जलाये ही मर जाऊँ -ओ ओ
प्रभु मै तो थारी पूजा पाठ ---------------------

कैसे छोड़ी ईर्ष्या को ,कैसे छोड़ा क्रोध को
कैसे जीती काम वासना ,कैसे जीता मोह को
मै तो ये छोड़ नहीं पाया ,प्रभु इक पल को
अचरज है ये जीत लिया प्रभु तुमने इन सबको -ओ ओ
प्रभु मै तो थारी पूजा पाठ ---------------------
रचयिता -राजू बगडा-ता;-२०.०१.२००८
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1 comment:

Internet Existence said...

अद्भुत आपका प्रभु वंदन अति पावन है