Sunday, April 10, 2022

78 तर्ज ना कजरे की धार,ना मोतियों के हार (मोहरा)

हे त्रिशला के लाल,
तेरी जन्म जयंती आज
तुझे दुनियां रही पुकार
सबको तेरी जरूरत है,सबको तेरी जरूरत है
हे त्रिशला के लाल,
तेरी जन्म जयंती आज
तुझे दुनियां रही पुकार
सबको तेरी जरूरत है,सबको तेरी जरूरत है
 वर्धमान भगवान
हे शांती के दातार
तेरे चरणों में आज
करते  लाखों,  हम प्रणाम
1
हिंसा का त्याग ,सिखाया
परिग्रह का, त्याग, सिखाया
हिंसा का त्याग ,सिखाया
परिग्रह का त्याग, सिखाया
   सब अनेकांत अपनाओ
   सुख का ये मार्ग बताया
जिओ और जीने दो
ये मूल मंत्र बतsलाया

वर्धमान भगवान
हे शांती के दातार
तेरे चरणों में आज
करते लाखों हम प्रणाम
हे त्रिशला के लाल,
तेरी जन्म जयंती आज
तुझे दुनियां रही पुकार
सबको तेरी जरूरत है,सबको तेरी जरूरत है
2
है भोग विलास ही जग में
बना जन जन का आधार
है भोग विलास ही जग में
बना जन जन का आधार
   संयम से दूर हुए सब
   हुआ तृष्णा का विस्तार
दुःख का ये मूल कारण
नहीं करता कोई विचार

वर्धमान भगवान
हे शांती के दातार
तेरे चरणों में आज
करते लाखों हम प्रणाम
हे त्रिशला के लाल,
तेरी जन्म जयंती आज
तुझे दुनियां रही पुकार
सबको तेरी जरूरत है,सबको तेरी जरूरत है
रचयिता
राजू बगड़ा
मदुरै
11.4.2022
10.15 AM









Tuesday, April 5, 2022

85-हे कालरात्रि, हे कल्याणीतेरा जोड़ धरा पर कोई नहींमेरी माँ के बराबर कोई नहीं


ऊँचा मंदिर, ऊंची है ध्वजा
ऊँची है शान, मैया, तेरी
चरणों में झुकें, बादल भी तेरे
पर्वत पे लगे शैया तेरी
हे पद्मावती, मातेश्वरी मां 
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
1
जैसे धारा और नदिया, जैसे फूल और बगिया
मेरे इतना ज़्यादा पास है तू
जब ना होगा तेरा आँचल, नैना मेरे होंगे जल-थल
जाएँगे कहाँ फिर मेरे आँसू?
      दुख दूर हुआ मेरा सारा
      अँधियारों में चमका तारा
नाम तेरा जब भी है पुकारा
सूरज भी, यहाँ है चंदा भी
तेरे जैसा उजागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
हे पद्मावती, मातेश्वरी मां 
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
2
तेरे मंदिरों में, माई, मैंने ज्योत क्या जलाई
हो गया, मेरे घर में उजाला
क्या बताऊँ तेरी माया, जब कभी मैं लड़खड़ाया
तूने दस भुजाओं से सँभाला
      खिल जाती है,सूखी डाली
      भर जाती है, झोली ख़ाली
तेरी ही मेहर है, मेहरावाली
ममता से तेरी बढ़ के, मैया
मेरी तो धरोहर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
हे पद्मावती, मातेश्वरी मां 
तेरा जोड़ धरा पर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
तेरी ममता से जो गहरा हो
ऐसा तो सागर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
(मेरी माँ के बराबर कोई नहीं)
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
माँ, मेरी माँ
माँ, मेरी माँ
माँ, मेरी माँ
मेरी माँ के बराबर कोई नहीं
रचयिता
जुबिन नौटियाल

Sunday, April 3, 2022

86-ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,पद्मावती माता कीजय जय पद्मावती माता,जय जय मां 2

ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,
पद्मावती माता की
जय जय पद्मावती माता,जय जय मां  2
 1
बड़ा अद्भुत है,प्यार अपार, मां के द्वारे पे,
मां के द्वारे पे
होवे सबका ही, बेड़ा पार, मां के द्वारे पे,
मां के द्वारे पे
प्रीती करूं, भक्ती करूं, तन मन से पूजा करूं
जीवन  सुधारूं रे,
ओ प्यारा प्यारा जीवन  सुधारूं रे,
ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,
पद्मावती माता की
2
आज पाया है वैभव अपार, मां की भक्ती से 
मां की भक्ती से 
मिटे भव भव का दुःख अपार, मां की सेवा से
मां की सेवा से
नृत्य करूं, गान करूं, झूम के मैं भक्ती करूं
मां को निहारूं रे,
ओ प्यारी प्यारी मां को निहारूं रे
ओ मैं तो, पूजा रचाऊं रे,
पद्मावती माता की
जय जय पद्मावती माता,जय जय मां  2
रचयिता 
कविता बगड़ा
3.4.2022